
- करीब तीन सप्ताह से चल रहा नोएडा का गंगाजल संकट मंगलवार शाम हरिद्वार से गंगनहर में पानी छोड़े जाने के बाद समाप्त हो गया है।
- नोएडा में पर्याप्त गंगाजल की आपूर्ति रविवार, 26 अक्टूबर, 2025 से पूरी तरह बहाल होने की उम्मीद है, जिससे निवासियों को बड़ी राहत मिलेगी।
- गंगनहर की सफाई के कारण गंगाजल की सप्लाई पूरी तरह ठप हो गई थी, जिसके चलते अभी तक ट्यूबवेल और रेनीवेल से सुबह-शाम सिर्फ 4-5 घंटे ही पानी मिल पा रहा था।
नोएडा, 23 अक्टूबर: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के अंतर्गत आने वाले नोएडा शहर में पिछले लगभग तीन सप्ताह से चल रहा पानी का गंभीर संकट अब समाप्त होने की कगार पर है। दशहरे के दिन से गंगनहर में पानी की आपूर्ति रोक दी गई थी, क्योंकि नहर की सफाई का कार्य चल रहा था। इसके कारण नोएडा में 240 मिलियन लीटर प्रतिदिन (MLD) की गंगाजल आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई थी, जिससे शहर के अधिकांश सेक्टरों और सोसाइटियों में पानी की भारी किल्लत हो गई थी।
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने इस संकट के समाधान की जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार शाम को हरिद्वार से गंगनहर में पानी छोड़ दिया गया है। यह निर्णय निवासियों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है, जो लंबे समय से पानी की कमी से जूझ रहे थे। इस घोषणा से लोगों में यह उम्मीद जगी है कि अब उन्हें जल्द ही सामान्य जल आपूर्ति मिलनी शुरू हो जाएगी।
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कब और कैसे बहाल होगी सप्लाई? जानें पूरा टाइमटेबल
प्राधिकरण ने गंगाजल की आपूर्ति बहाल होने का एक विस्तृत टाइमटेबल साझा किया है। इसके अनुसार:
बुधवार शाम तक गंगनहर का पानी गाजियाबाद के प्रताप और सिद्धार्थ विहार स्थित प्लांट तक पहुंचने की उम्मीद है।
इसके बाद, गुरुवार (24 अक्टूबर) और शुक्रवार (25 अक्टूबर) को नोएडा में गंगाजल को स्टोर किया जाएगा। इसी दौरान, गुरुवार से थोड़ी-थोड़ी मात्रा में गंगाजल की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी ताकि तत्काल राहत मिल सके।
शनिवार (26 अक्टूबर) से शहर में गंगाजल की आपूर्ति पूरी तरह से शुरू हो जाएगी।
रविवार तक, नोएडा के निवासियों को पर्याप्त और सामान्य मात्रा में पानी की आपूर्ति मिलने लगेगी, जिससे पिछले तीन सप्ताह से चल रही दिक्कतें खत्म हो जाएंगी।
अधिकारियों ने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया सुनियोजित तरीके से की जा रही है ताकि पानी की बर्बादी को रोका जा सके और निवासियों को जल्द से जल्द निर्बाध जल आपूर्ति प्रदान की जा सके।
450 MLD की मांग: वैकल्पिक स्रोतों पर था दबाव
नोएडा में पानी की कुल दैनिक मांग 450 MLD से अधिक है। इस मांग को पूरा करने के लिए विभिन्न स्रोतों का उपयोग किया जाता है। नोएडा को 100 क्यूसेक यानी 240 MLD गंगाजल गाजियाबाद के दोनों प्लांट (80 और 20 क्यूसेक के रूप में) से मिलता है, जो शहर की जरूरत का सबसे बड़ा हिस्सा है।
जब गंगनहर में पानी बंद हुआ, तो नोएडा प्राधिकरण को बाकी पानी की मांग पूरी करने के लिए पूरी तरह से 110 MLD नलकूपों (ट्यूबवेल) और 100 MLD रैनीवेल (जमीन के अंदर से पानी निकालने वाले कुएं) पर निर्भर रहना पड़ा। इस अत्यधिक दबाव के कारण, निवासियों को पानी की आपूर्ति केवल सुबह और शाम के समय के लिए चार से पाँच घंटे ही मिल पा रही थी। कई सेक्टरों और ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों में, जहां गंगाजल पर निर्भरता अधिक थी, टैंकरों के माध्यम से पानी पहुंचाया जा रहा था। अब गंगाजल की आपूर्ति शुरू होने से नलकूपों और रैनीवेल पर पड़ा अतिरिक्त भार कम होगा, जिससे पूरे शहर में जल वितरण सामान्य हो सकेगा।
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