
- शीर्ष प्रबंधन पर कार्रवाई: DGCA ने परिचालन विफलता और नियमों के अनुपालन में कमी के लिए इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स और सीओओ को सीधे जिम्मेदार ठहराते हुए ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया।
- मांगी मोहलत: पीटर एल्बर्स और इंडिगो प्रबंधन ने विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए 24 घंटे की समय सीमा के बजाय सोमवार (8 दिसंबर) की शाम 6 बजे तक का समय मांगा है, जिसे DGCA ने मंजूर कर लिया है।
- सामान का संकट: इंडिगो संकट सीईओ डीजीसीए एक्शन के बीच, दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर अभी भी यात्रियों के सामान (Luggage) का भारी ढेर लगा है, और कई यात्री पांच दिन बाद भी अपने सामान के इंतजार में हैं।
नई दिल्ली, 8 दिसंबर: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो (IndiGo) में पिछले पांच दिनों से जारी व्यापक परिचालन संकट और हजारों उड़ानों के रद्द होने के बाद विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने कड़ा रुख अपनाया है। DGCA ने इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) पीटर एल्बर्स और मुख्य परिचालन अधिकारी (COO) को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी कर पूछा है कि यात्रियों को हुई गंभीर परेशानी और परिचालन नियमों की अनदेखी के लिए उन पर सख्त कार्रवाई क्यों न की जाए।
यह नोटिस तब आया जब दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे प्रमुख हवाई अड्डों पर यात्रियों की भीड़, लंबी कतारें, और सामान खोने या देरी से मिलने की शिकायतें चरम पर पहुंच गईं।
सीईओ को कारण बताओ नोटिस: DGCA का रुख सख्त
डीजीसीए ने शनिवार (6 दिसंबर) को जारी नोटिस में स्पष्ट किया कि बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द होना और लगातार देरी होना योजना, निगरानी और संसाधन प्रबंधन में बड़ी खामियों को दर्शाता है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि सीईओ के रूप में एल्बर्स की यह जिम्मेदारी है कि वह सुरक्षित और समयबद्ध संचालन सुनिश्चित करें, लेकिन वह इसमें विफल रहे हैं।
जवाब दाखिल करने के लिए दी गई 24 घंटे की अवधि खत्म होने से पहले, इंडिगो के अधिकारियों ने DGCA से अनुरोध किया कि नेटवर्क के पैमाने और परिचालन में बाधा डालने वाले कई कारकों को देखते हुए, उन्हें विस्तृत प्रतिक्रिया तैयार करने के लिए सोमवार शाम 6 बजे तक का समय दिया जाए। DGCA ने यह मोहलत स्वीकार करते हुए साफ कर दिया है कि इसके बाद कोई और विस्तार नहीं दिया जाएगा।
एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी और सामान की मारामारी
इंडिगो संकट सीईओ डीजीसीए के एक्शन के बीच भी, दिल्ली (IGI) और मुंबई एयरपोर्ट पर अव्यवस्था का माहौल बना हुआ है। यात्रियों को न केवल उड़ानों के लिए बल्कि अपने सामान के लिए भी भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। आईजीआई एयरपोर्ट पर कई दिनों से यात्रियों का अनक्लेम्ड (Unclaimed) सामान जमा हो गया है।
एक यात्री ने बताया कि उन्हें पांच दिन बीत जाने के बाद भी अपना सामान नहीं मिला है। कई यात्रियों ने आरोप लगाया कि एयरलाइन का कस्टमर केयर (Customer Care) पूरी तरह से जवाब देना बंद कर चुका है। मुंबई एयरपोर्ट पर तो गुस्से में एक विदेशी महिला यात्री को इंडिगो काउंटर पर चढ़ते हुए भी देखा गया था, जो एयरलाइन की सेवाओं से अत्यधिक परेशान थी।
एल्बर्स ने मांगी माफी, सरकार ने दिए सख्त निर्देश
लगातार बढ़ते दबाव के बीच, सीईओ पीटर एल्बर्स ने तीन दिन बाद एक वीडियो संदेश जारी कर यात्रियों से हार्दिक माफी मांगी। उन्होंने इस संकट को इंडिगो के इतिहास में सबसे बड़ी कैंसिलेशन की घटना बताया और कहा कि एयरलाइन शेड्यूल को स्थिर करने और स्थिति को सामान्य करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है।
इधर, नागर विमानन मंत्रालय ने इंडिगो को कई सख्त निर्देश जारी किए हैं:
रिफंड: रद्द की गई उड़ानों का पूरा पैसा यात्रियों को रविवार रात 8 बजे तक वापस किया जाए।
सामान: सभी प्रभावित यात्रियों का सामान 48 घंटे के भीतर उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाए।
आवास: लंबी देरी के कारण फंसे हुए यात्रियों के लिए एयरलाइन सीधे होटल में ठहरने की व्यवस्था करे।
सूचना: यात्रियों को रद्द या विलंबित उड़ानों की रियल-टाइम जानकारी प्रदान की जाए।
DGCA ने पूरे मामले की जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय चार-सदस्यीय समिति भी गठित की है, जिसे 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपनी है। यह घटनाक्रम भारतीय विमानन इतिहास में एक बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई को दर्शाता है।
