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कितनी भी बड़ी हो कंपनी, यात्रियों को तंग नहीं होने देंगे

इंडिगो संकट पर सरकार सख्त; DGCA ने एयरलाइन की 5% उड़ानें काटी, मंत्री बोले- 'मिसाल पेश करेंगे'

  • मंत्री का सख्त संदेश: उड्डयन मंत्री ने लोकसभा और राज्यसभा में स्पष्ट किया कि यात्रियों की सुविधा और सम्मान सर्वोपरि है, और किसी भी एयरलाइन की मनमानी बर्दाश्त नहीं होगी।
  • DGCA का एक्शन: नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने इंडिगो की परिचालन विश्वसनीयता को स्थिर करने के लिए तत्काल प्रभाव से उसकी 5% उड़ानों में कटौती का आदेश जारी कर दिया है।
  • कंपनी की विफलता: मंत्री ने इस संकट को इंडिगो की आंतरिक योजना और क्रू रोस्टरिंग में विफलता का परिणाम बताया, न कि केवल नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों का।

नई दिल्ली, 9 दिसंबर: इंडिगो (IndiGo) एयरलाइन में हजारों उड़ानों के रद्द होने से पैदा हुए देशव्यापी संकट पर सरकार ने अभूतपूर्व सख्ती दिखाई है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने संसद के दोनों सदनों में दो टूक संदेश देते हुए कहा कि कोई भी एयरलाइन, भले ही वह कितनी भी बड़ी हो, उसे अपनी खराब योजना या नियमों की अनदेखी के कारण यात्रियों को परेशान नहीं करने दिया जाएगा।

मंत्री ने चेतावनी दी है कि जांच पूरी होने के बाद इतनी कठोर कार्रवाई की जाएगी कि यह पूरे विमानन उद्योग के लिए एक मिसाल कायम कर सके।

मनमानी पर लगाम: DGCA ने उड़ानों में की 5% की कटौती

केंद्रीय मंत्री के सख्त रुख के बाद, DGCA ने इंडिगो पर बड़ी नियामक कार्रवाई करते हुए मंगलवार को एक आदेश जारी किया। इस आदेश में इंडिगो के शीतकालीन कार्यक्रम के तहत संचालित होने वाली उड़ानों में तत्काल 5% की कटौती करने का निर्देश दिया गया है। यह कटौती खासकर उच्च मांग वाले मार्गों पर की गई है।

DGCA ने इंडिगो को बुधवार शाम 5 बजे तक संशोधित उड़ान शेड्यूल प्रस्तुत करने के लिए भी कहा है। नियामक ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई परिचालन में आई व्यापक व्यवधानों के बाद की गई है, क्योंकि यात्रियों को हुई परेशानी “अस्वीकार्य” है। सूत्रों के अनुसार, यदि एयरलाइन जल्द ही संचालन को सामान्य नहीं कर पाती है, तो नियामक भविष्य में और 5% की कटौती कर सकता है।

आंतरिक विफलता के लिए इंडिगो जिम्मेदार

मंत्री राम मोहन नायडू ने संसद में साफ किया कि यह संकट इंडिगो की अपनी बनाई हुई समस्या है। उन्होंने कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यह संकट FDTL नियमों को लागू करने के लिए कंपनी की आंतरिक तैयारियों में कमी और क्रू रोस्टरिंग में विफलता के कारण आया।

मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि DGCA ने FDTL नियमों पर सभी एयरलाइंस के साथ कई परामर्श किए थे, और नियमों को सुरक्षा से कोई समझौता किए बिना पालन करना आवश्यक था। उन्होंने कहा, “यह दैनिक संचालन का मामला है, जिसका प्रबंधन इंडिगो को खुद करना चाहिए था। उन्होंने सरकार को अंधेरे में रखा।”

यात्रियों के लिए राहत पैकेज और मिसाल कायम करने का संकल्प

सरकार ने संसद को सूचित किया कि यात्रियों को हुई परेशानी के मद्देनजर कई कदम उठाए गए हैं:

रिफंड: रद्द उड़ानों के लिए यात्रियों को अब तक ₹827 करोड़ से अधिक की राशि रिफंड की जा चुकी है।

सामान की वापसी: फंसे हुए 9,000 बैगों में से 4,500 से अधिक यात्रियों को सौंप दिए गए हैं, और बाकी बैगों को अगले 36 घंटों में पहुंचाने का लक्ष्य है।

किराए की सीमा: यात्रियों के वित्तीय शोषण को रोकने के लिए, सरकार ने पहले ही सभी एयरलाइनों पर किराए की अधिकतम सीमा (₹7,500 से ₹18,000) तय कर दी है।

मंत्री ने कहा कि DGCA ने इंडिगो के शीर्ष नेतृत्व को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है और एक उच्च-स्तरीय जांच समिति गठित की है। उन्होंने कहा, “जांच पूरी होने पर हम विमानन क्षेत्र में कार्यरत किसी भी व्यक्ति, संस्था या ऑपरेटर पर कड़ी कार्रवाई करेंगे, ताकि यह मिसाल बने।” यह कठोर कदम सरकार के ‘यात्री पहले’ (Passenger First) नीति पर जोर देने को दर्शाता है।

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