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फ्लाइट रद्द या देरी? जानें DGCA के यात्री अधिकार और मुआवजे के नियम

इंडिगो संकट के बाद सख्त हुए नियम: एयरलाइन को कब देना होगा रिफंड, होटल और भोजन, पूरी जानकारी

  • पहला पॉइंट: इंडिगो जैसे बड़े संकट में फ्लाइट रद्द या देरी होने पर यात्रियों को DGCA के यात्री अधिकार मुआवजा नियम के तहत रिफंड, भोजन और आवास (होटल) की सुविधा पाने का कानूनी हक है।
  • दूसरा पॉइंट: एयरलाइन को 14 दिन से कम समय में सूचना देने पर नकद मुआवजा देना पड़ सकता है, जबकि 4 घंटे से अधिक की देरी पर यात्री पूरे किराए की वापसी (रिफंड) की मांग कर सकता है।
  • तीसरा पॉइंट: बोर्डिंग से मनाही (Overbooking) की स्थिति में भी यात्री मुआवजे का हकदार होता है, और एयरलाइन के लिए इन नियमों को अपनी वेबसाइट पर प्रमुखता से प्रदर्शित करना अनिवार्य है।

नई दिल्ली, 11 दिसंबर: हाल ही में देश की सबसे बड़ी विमान सेवा कंपनी इंडिगो (IndiGo) में हुए व्यापक परिचालन संकट ने हजारों हवाई यात्रियों को गंभीर परेशानी में डाल दिया। सैकड़ों उड़ानें रद्द हुईं, घंटों देरी हुई, और यात्रियों को एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी का सामना करना पड़ा। इस अभूतपूर्व स्थिति ने एक बार फिर यात्रियों के अधिकारों और एयरलाइनों की जवाबदेही पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।

इस पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हवाई यात्रा करने वाले प्रत्येक नागरिक को नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा बनाए गए नियमों की पूरी जानकारी होनी चाहिए। DGCA के सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स (CAR), सेक्शन 3, सीरीज M, पार्ट IV के तहत, यात्रियों को उड़ान रद्द होने, देरी होने, या बोर्डिंग से मनाही (Denial of Boarding) की स्थिति में सुरक्षा, रिफंड और मुआवजे का अधिकार मिलता है।

यह लेख इंडिगो संकट के संदर्भ में आपके अधिकारों का एक व्यापक और विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करता है। अगर आप अगली बार हवाई यात्रा कर रहे हैं और आपकी फ्लाइट रद्द होती है या उसमें लंबी देरी होती है, तो DGCA के नियमों के अनुसार, आप किन सुविधाओं और मुआवजे के हकदार हैं, इसकी पूरी जानकारी यहाँ दी गई है।

1. फ्लाइट रद्दीकरण पर आपके अधिकार (Rights on Flight Cancellation)

फ्लाइट रद्द होने पर यात्रियों के अधिकार इस बात पर निर्भर करते हैं कि एयरलाइन ने आपको कितने समय पहले सूचना दी है। DGCA के नियम इस मामले में काफी स्पष्ट हैं:

1.1. 14 दिन से पहले सूचना मिलने पर (Informed More than 14 Days Prior)

रिफंड या वैकल्पिक उड़ान: यदि एयरलाइन आपको 14 दिन या उससे अधिक समय पहले उड़ान रद्द होने की सूचना देती है, तो उसे केवल दो विकल्प देने होंगे:

विकल्प 1: टिकट का पूरा पैसा वापस (रिफंड) प्राप्त करें।

विकल्प 2: बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के किसी अन्य तारीख या वैकल्पिक रूट पर उड़ान बुक कराएं।

मुआवजा: इस स्थिति में एयरलाइन को किसी भी प्रकार का नकद मुआवजा (Compensation) देने की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि यात्री के पास नई योजना बनाने के लिए पर्याप्त समय होता है।

1.2. 14 दिन से कम समय में सूचना मिलने पर (Informed Less than 14 Days Prior)

यदि एयरलाइन आपको उड़ान रद्द होने की सूचना 14 दिन से कम समय में देती है, तो स्थिति थोड़ी जटिल हो जाती है और यात्री नकद मुआवजे का हकदार बन सकता है।

24 घंटे से 2 सप्ताह पहले सूचना: यदि आपको उड़ान से 24 घंटे से 14 दिन पहले सूचना दी जाती है, तो एयरलाइन को वैकल्पिक उड़ान का प्रस्ताव देना होगा। अगर वैकल्पिक उड़ान आपके मूल शेड्यूल से बहुत अधिक (जैसे 4 घंटे से अधिक) भटकती है, तो आप मुआवजे के हकदार हो सकते हैं।

24 घंटे से कम समय में सूचना या एयरपोर्ट पर रद्द: यह सबसे गंभीर स्थिति है। यदि एयरलाइन उड़ान से 24 घंटे से कम समय पहले आपको सूचना देती है, या आप एयरपोर्ट पर पहुंच चुके हैं और तभी उड़ान रद्द होने का पता चलता है, तो आपको निम्नलिखित अधिकार मिलते हैं:

पूरा रिफंड (Full Refund): टिकट का पूरा पैसा तुरंत वापस।

वैकल्पिक उड़ान (Alternative Flight): बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के वैकल्पिक उड़ान की व्यवस्था।

नकद मुआवजा (Monetary Compensation):

2 घंटे तक की उड़ानें: ₹5,000/- (या मूल किराया + ईंधन शुल्क, जो भी कम हो)।

1 से 2 घंटे की उड़ानें: ₹7,500/- (या मूल किराया + ईंधन शुल्क, जो भी कम हो)।

2 घंटे से अधिक की उड़ानें: ₹10,000/- (या मूल किराया + ईंधन शुल्क, जो भी कम हो)।

1.3. कनेक्टिंग फ्लाइट छूटने पर (Missed Connecting Flight)

यदि यात्री ने एक ही पीएनआर (PNR) या टिकट नंबर पर कनेक्टिंग फ्लाइट बुक की है, और पहली फ्लाइट रद्द होने या अत्यधिक देरी के कारण उसकी दूसरी कनेक्टिंग फ्लाइट छूट जाती है, तो एयरलाइन को पहले बताए गए रद्दीकरण के नियमों के अनुसार यात्री को रिफंड और मुआवजे दोनों का भुगतान करना होगा।

2. उड़ान में देरी होने पर सुविधाएं और रिफंड (Facilities and Refund on Flight Delay)

DGCA के नियमों के तहत, उड़ान में देरी होने पर यात्रियों को एयरलाइन से विशेष सुविधाओं की मांग करने का अधिकार होता है, जो देरी के समय पर निर्भर करता है।

2.1. भोजन और जलपान की सुविधा (Meals and Refreshments)

एयरलाइन को यात्रियों को मुफ्त भोजन और जलपान (स्नैक्स, पानी, चाय/कॉफी) की व्यवस्था करनी पड़ती है यदि देरी निम्नलिखित अवधि से अधिक हो:

2 घंटे से अधिक देरी: यदि फ्लाइट 2.5 घंटे तक की है।

3 घंटे से अधिक देरी: यदि फ्लाइट 2.5 घंटे से 5 घंटे तक की है।

4 घंटे से अधिक देरी: यदि फ्लाइट 5 घंटे से लंबी है।

यात्री को यह सुविधा तब तक मिलनी चाहिए जब तक कि वैकल्पिक उड़ान की व्यवस्था न हो जाए।

2.2. रिफंड और वैकल्पिक उड़ान का विकल्प (Refund/Re-routing Option)

यदि उड़ान में 6 घंटे या उससे अधिक की देरी होती है, तो यात्री के पास दो महत्वपूर्ण विकल्प होते हैं:

वैकल्पिक उड़ान: देरी होने के 6 घंटे के भीतर एयरलाइन द्वारा मुफ्त में किसी वैकल्पिक उड़ान या रूट पर सीट बुक कराना।

पूरा रिफंड: वैकल्पिक उड़ान लेने से इनकार करके टिकट का पूरा पैसा वापस (Full Refund) मांगना। एयरलाइन कोई कैंसिलेशन या छिपा हुआ शुल्क नहीं काट सकती।

2.3. रात को रुकने की व्यवस्था (Overnight Stay/Hotel Accommodation)

यदि फ्लाइट की देरी इतनी अधिक हो जाती है कि उसे अगली सुबह तक के लिए री-शेड्यूल करना पड़ता है, या रात 8 बजे से सुबह 3 बजे के बीच 6 घंटे से अधिक की देरी हो जाती है, तो एयरलाइन की जिम्मेदारी होती है कि वह प्रभावित यात्रियों के लिए मुफ्त में होटल में ठहरने और हवाई अड्डे से होटल तक परिवहन (Transportation) की व्यवस्था करे।

2.4. रिफंड की समय सीमा (Refund Timeline)

DGCA ने रिफंड के लिए समय सीमा भी तय की है:

नकद/बैंक ट्रांसफर: तुरंत।

क्रेडिट कार्ड/अन्य माध्यम: 7 कार्य दिवसों के भीतर।

ट्रैवल एजेंट के माध्यम से: एयरलाइन को 30 दिन के भीतर एजेंट को रिफंड करना होगा।

3. बोर्डिंग से मनाही या ओवरबुकिंग (Denial of Boarding/Overbooking)

ओवरबुकिंग (ओवर सोल्ड टिकट) की स्थिति में यदि एयरलाइन यात्री को सीट नहीं दे पाती है, तो उसे बोर्डिंग से मनाही माना जाता है। DGCA के नियम ओवरबुकिंग के शिकार यात्रियों को कड़ा संरक्षण देते हैं:

3.1. स्वेच्छा से मनाही (Voluntary Denial)

एयरलाइन को पहले स्वेच्छा से अपनी सीट छोड़ने के लिए यात्रियों से पूछना होगा। यदि यात्री राजी होते हैं, तो उन्हें एयरलाइन द्वारा आपसी समझौते के आधार पर लाभ (जैसे वाउचर, अपग्रेड) दिए जाते हैं।

3.2. जबरन मनाही और मुआवजा (Involuntary Denial & Compensation)

यदि पर्याप्त स्वयंसेवक नहीं मिलते हैं और यात्री को जबरन बोर्डिंग से रोका जाता है, तो यात्री निम्नलिखित सुविधाओं के साथ उच्च मुआवजे का हकदार होता है:

सुविधाएं: वैकल्पिक उड़ान मिलने तक मुफ्त भोजन, जलपान और, यदि आवश्यक हो, तो होटल आवास और परिवहन।

नकद मुआवजा:

वैकल्पिक उड़ान 1 घंटे के भीतर पहुंचे: कोई मुआवजा नहीं।

वैकल्पिक उड़ान 1 से 2 घंटे बाद पहुंचे (घरेलू): मूल किराए का 200% या ₹10,000 (जो कम हो)।

वैकल्पिक उड़ान 2 घंटे से अधिक बाद पहुंचे (घरेलू): मूल किराए का 400% या ₹20,000 (जो कम हो)।

4. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और अतिरिक्त नुकसान का दावा

DGCA के नियम न्यूनतम वैधानिक राहत प्रदान करते हैं। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं और उपभोक्ता अधिकार विशेषज्ञों के अनुसार, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत, यात्री DGCA मुआवजे के अलावा भी अतिरिक्त नुकसान के लिए दावा कर सकते हैं।

यदि आप यह साबित कर सकते हैं कि फ्लाइट रद्द या देरी होने के कारण आपको वित्तीय नुकसान (जैसे गैर-वापसी योग्य होटल बुकिंग, मिस्ड बिजनेस डील) हुआ है, या आपको मानसिक पीड़ा (Mental Agony) हुई है, तो आप जिला, राज्य या राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोगों में एयरलाइन के खिलाफ ‘सेवा में कमी’ (Deficiency in Service) का मामला दायर कर सकते हैं। उपभोक्ता फोरम ने कई मामलों में DGCA के न्यूनतम मुआवजे से अधिक, हर्जाना और कानूनी लागत (Legal Costs) दोनों प्रदान किए हैं।

5. एयरलाइन की जिम्मेदारियाँ और अपवाद (Airlines’ Duties and Exceptions)

DGCA के नियम बताते हैं कि एयरलाइन को अपनी जिम्मेदारी से बचने की अनुमति कब नहीं है।

5.1. संचार की जिम्मेदारी

एयरलाइन के लिए यह अनिवार्य है कि वह रद्द या देरी होने की रीयल टाइम (Real-Time) जानकारी यात्रियों को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर या ईमेल पर दे। एयरपोर्ट पर भी यात्रियों को लगातार अपडेट देना आवश्यक है।

5.2. DGCA द्वारा अपवाद (Exceptions by DGCA)

एयरलाइन को मुआवजा नहीं देना पड़ता यदि रद्दीकरण या देरी ‘असाधारण परिस्थितियों’ (Extraordinary Circumstances) के कारण होती है, जिसे अक्सर फोर्स मेजर (Force Majeure) कहा जाता है। इसमें शामिल हैं:

राजनीतिक अस्थिरता (Political Instability)।

प्राकृतिक आपदाएँ (Natural Disasters)।

युद्ध, दंगे या आतंकवादी कृत्य।

खराब मौसम या हवाई यातायात नियंत्रण (ATC) से जुड़ी समस्याएँ।

हालांकि, DGCA ने स्पष्ट किया है कि क्रू रोस्टरिंग की विफलता, पायलटों की थकान या आंतरिक परिचालन/तकनीकी खराबी को ‘असाधारण परिस्थिति’ नहीं माना जाएगा, जैसा कि इंडिगो के मामले में हुआ। इसलिए, इन मामलों में एयरलाइन पूरी तरह से मुआवजे के लिए उत्तरदायी है।

6. वरिष्ठ नागरिकों और विशेष यात्रियों के अधिकार

इंडिगो जैसे संकट के दौरान, सरकार ने विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों, मरीजों और बच्चों के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। ऐसे यात्रियों को देरी के दौरान सहायता के लिए प्राथमिकता दी जानी चाहिए, और लंबी देरी की स्थिति में, उन्हें एयरपोर्ट लाउंज जैसी सुविधाओं तक पहुंच प्रदान की जा सकती है।

6.1. अपना दावा कैसे दर्ज करें

यदि एयरलाइन आपको आपके अधिकारों के अनुसार सुविधा या मुआवजा देने से इनकार करती है:

एयरलाइन से संपर्क करें: तुरंत लिखित में (ईमेल) रिफंड/मुआवजे का दावा करें।

एयरसेवा पोर्टल: यदि एयरलाइन जवाब नहीं देती है, तो आप MoCA के एयरसेवा (AirSewa) पोर्टल पर आधिकारिक शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

उपभोक्ता आयोग: अंतिम विकल्प के रूप में, आप न्याय के लिए उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

6.2. रिफंड के लिए DGCA की नई पहल

DGCA ने यात्रियों को राहत देने के लिए एक मसौदा दिशानिर्देश भी जारी किया है, जिसके तहत यात्री अब बुकिंग के 48 घंटे के भीतर बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के टिकट रद्द या संशोधित कर सकेंगे। हालांकि, यह नियम अभी लागू नहीं हुआ है, लेकिन यह दर्शाता है कि नियामक उपभोक्ता अधिकारों को और मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है।

इंडिगो संकट एक कड़वा सबक था, लेकिन इसने यात्रियों को DGCA के तहत अपने यात्री अधिकार मुआवजा नियम की शक्ति को समझने का अवसर दिया है। अगली बार अपनी यात्रा के दौरान जागरूक रहें और अपने अधिकारों का दावा करने में संकोच न करें।

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