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ICSI दीक्षांत समारोह में रक्षा राज्य मंत्री की उपस्थिति

रांची में 102 नए सदस्यों को मिली सदस्यता; 'विकसित भारत 2047' के लक्ष्य को हासिल करने में CS की भूमिका पर ज़ोर

  • भव्य आयोजन: इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (ICSI) ने रांची में अपना दीक्षांत समारोह आयोजित किया, जहां 102 नए युवा कंपनी सचिवों को सदस्यता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
  • मंत्री का प्रोत्साहन: रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने कंपनी सचिवों की भूमिका को स्टार्ट-अप्स और देश की आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण बताया, और उन्हें ‘विकसित भारत 2047’ के सपने को साकार करने में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।
  • महत्वपूर्ण पहल: आईसीएसआई दीक्षांत समारोह रांची में ICSI अध्यक्ष ने सशस्त्र बलों के कर्मियों, अग्नि वीरों, शहीदों के परिवारों और जम्मू-कश्मीर/लद्दाख के छात्रों के लिए शुल्क माफी योजनाओं पर विशेष रूप से प्रकाश डाला।

रांची, झारखंड, 8 दिसंबर: इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (ICSI) ने 7 दिसंबर 2025 को रांची के गंगोत्री कन्वेंशन सेंटर में पूर्वी क्षेत्र के लिए अपना दीक्षांत समारोह आयोजित किया। इस गरिमामय समारोह में पूर्वी क्षेत्र के लगभग 102 युवा सदस्यों को ICSI की सदस्यता का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया, जिससे वे औपचारिक रूप से कॉर्पोरेट जगत में कदम रखने के लिए तैयार हो गए।

इस अवसर पर, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने मुख्य अतिथि के रूप में समारोह की शोभा बढ़ाई, और नए सदस्यों को उनके भविष्य के लिए प्रेरित किया।

विकसित भारत के लक्ष्य में कंपनी सचिवों की भूमिका

नए सदस्यों को बधाई देते हुए, माननीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने कॉर्पोरेट जगत में कंपनी सचिवों की बढ़ती जिम्मेदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “स्टार्ट-अप्स जिस गति से भारत की आर्थिक वृद्धि को गति दे रहे हैं, उसमें शासन (Governance) और अनुपालन (Compliance) सुनिश्चित करने में कंपनी सचिवों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।”

श्री सेठ ने स्पष्ट किया कि, “आपका योगदान ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अभिन्न होगा।” उनका संबोधन यह दर्शाता है कि सरकार कंपनी सचिवों को केवल कानूनी अनुपालन विशेषज्ञ नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण के लिए महत्वपूर्ण स्तंभ मानती है।

ICSI की प्रगतिशील पहल और सामाजिक जिम्मेदारी

समारोह को संबोधित करते हुए, ICSI के अध्यक्ष CS धनंजय शुक्ला ने कहा कि ICSI अपनी प्रगतिशील पहलों के माध्यम से शासन के परिदृश्य को लगातार मजबूत कर रहा है। उन्होंने नए सदस्यों से कॉर्पोरेट जगत में प्रवेश करते समय इन पहलों का लाभ उठाने और भारत की विकास यात्रा में सार्थक योगदान देने का आग्रह किया।

CS शुक्ला ने ICSI की सामाजिक जिम्मेदारी और पेशेवर उत्थान के लिए शुरू की गई कुछ प्रमुख पहलों पर विशेष रूप से ध्यान आकर्षित किया:

1. रक्षा क्षेत्र को समर्थन:

उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों, अग्नि वीरों, शहीदों के परिवारों और सशस्त्र बलों व अर्धसैनिक बलों के आश्रितों के लिए शुल्क माफी योजना की घोषणा की। इसके अलावा, जम्मू और कश्मीर व लद्दाख के छात्रों के लिए भी शुल्क माफी योजना शुरू की गई है।

2. व्यावसायिक विकास कार्यक्रम:

MBA इन मैरीटाइम रेगुलेशंस: गुजरात मैरीटाइम यूनिवर्सिटी के सहयोग से 2-वर्षीय पूर्णकालिक MBA in Maritime Regulations and Compliance Management पाठ्यक्रम शुरू किया गया है, जिसमें CS पाठ्यक्रम और समुद्री कानून शामिल हैं।

संयुक्त प्रमाणन पाठ्यक्रम: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट्स (NISM) के साथ मिलकर Corporate and Securities Markets Compliances (CSMC) पर एक संयुक्त सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया गया है।

UAE व्यापार प्रबंधक पाठ्यक्रम: ICSI का UAE Business Manager पर सर्टिफिकेट कोर्स पेशेवरों को संयुक्त अरब अमीरात में भूमिकाओं के लिए ज्ञान और कौशल से लैस करने पर केंद्रित है।

3. ESG पहल:

ICSI Guiding Principles on Stewardship (IGPS): यह दिशानिर्देश जिम्मेदार निवेश के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को रेखांकित करते हैं, जिसमें संस्थागत निवेशकों को सशक्त बनाने के लिए पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) कारकों को शामिल किया गया है।

ICSI Principles on Climate Change Governance (IPCG): यह सिद्धांतों का एक सेट है जो जलवायु लक्ष्यों की दिशा में प्रगति का मूल्यांकन करने के लिए मेट्रिक्स स्थापित करने पर मार्गदर्शन प्रदान करता है।

ESG टूलकिट: ICSI ने कंपनी सचिवों और बोर्डों को कंपनियों के लिए व्यापक ESG नीति तैयार करने में मदद करने के लिए एक स्टेकहोल्डर एंगेजमेंट टूलकिट भी विकसित किया है।

ICSI के उपाध्यक्ष CS पवन जी चंदक ने नए सदस्यों से अवसरों को गले लगाने और अपने पेशे के प्रति जिम्मेदारी समझने का आग्रह किया, जिसका उद्देश्य आज वैश्विक स्तर पर सुशासन को बढ़ावा देना है।

इस अवसर पर ICSI की काउंसिल सदस्य CS रूपंजना डे और ICSI के ईआईआरसी के अध्यक्ष CS अनुज सारस्वत भी उपस्थित थे।

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