
- हार का कारण नेतृत्व: गृह मंत्री ने साफ कहा कि कांग्रेस की हार का कारण EVM या वोटर लिस्ट में गड़बड़ी नहीं है, बल्कि उसके नेतृत्व की दिशाहीनता और जन विरोधी मुद्दे रहे हैं।
- 8 बड़े मुद्दे: शाह ने विपक्ष द्वारा विरोध किए गए 8 प्रमुख मुद्दों को गिनाया, जिनमें एयर स्ट्राइक, अनुच्छेद 370 को हटाना, राम मंदिर निर्माण और वन नेशन वन इलेक्शन का विरोध शामिल था।
- ‘वोट चोरी’ का इतिहास: अमित शाह चुनावी हार कारण बताते हुए, उन्होंने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी से जुड़ी कथित ‘वोट चोरी’ की तीन ऐतिहासिक घटनाओं का भी उल्लेख किया।
नई दिल्ली, 10 दिसंबर: लोकसभा में चुनावी सुधारों पर चल रही चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कांग्रेस और विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला। शाह ने विपक्ष के ‘वोट चोरी’ और ‘EVM पर संदेह’ के नैरेटिव को सिरे से खारिज करते हुए कांग्रेस की 2014 के बाद हुई लगातार चुनावी हार के लिए सीधे तौर पर उसकी नीतियों और नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया।
अपने 90 मिनट के भाषण में शाह ने एक के बाद एक 8 ऐसे बड़े मुद्दों को सूचीबद्ध किया, जिनका विरोध करने के कारण कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को चुनावों में जनता ने नकार दिया। गृह मंत्री के तीखे वार के बाद विपक्षी सांसदों ने विरोध में सदन से वॉकआउट भी किया।
कांग्रेस की हार के लिए शाह द्वारा गिनाए गए 8 प्रमुख कारण
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान कांग्रेस और विपक्षी दलों की हार के लिए 8 मुख्य कारणों को सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही कांग्रेस की हारने की परंपरा शुरू हुई, और इसके लिए वे हर बार EVM को दोष देते हैं:
एयर स्ट्राइक का विरोध: शाह ने कहा कि जब देश की सुरक्षा के लिए एयर स्ट्राइक हुई, तो विपक्ष ने सेना का समर्थन करने के बजाय सवाल उठाए।
अनुच्छेद 370 का विरोध: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के ऐतिहासिक फैसले का कांग्रेस ने पुरजोर विरोध किया।
राम मंदिर निर्माण का विरोध: शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने राम मंदिर के निर्माण और अयोध्या के मामले को दशकों तक लटकाए रखा।
CAA का विरोध: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर विपक्ष ने दुष्प्रचार किया और देश को गुमराह किया।
वन नेशन वन इलेक्शन का विरोध: शाह ने कहा कि आप वन नेशन वन इलेक्शन का विरोध कर रहे हैं, इसीलिए हम फिर से जीतने वाले हैं।
गरीबों के लिए काम का विरोध: उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने 7 करोड़ गरीब के घरों में राशन, गैस, पानी, शौचालय पहुंचाया… क्या समझते हैं वोट चोरी कर-कर जीते हैं?”
SIR का विरोध: शाह ने कहा कि विपक्ष विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का विरोध कर रहा है, क्योंकि यह घुसपैठियों को मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया है, जिन पर उनके चुनाव जीतने का आधार टिका है।
EVM पर अनावश्यक संदेह: उन्होंने कहा कि EVM कानून राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहते 1989 में आया और 2004 से 2009 तक कांग्रेस ने चुनाव जीता, तब EVM सही था, और 2014 के बाद हारने पर यह खराब हो गया।
वोट चोरी पर कांग्रेस को आईना
गृह मंत्री ने राहुल गांधी द्वारा लगाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोपों का करारा जवाब दिया और कांग्रेस के इतिहास से ही तीन कथित ‘वोट चोरी’ की घटनाएं गिनाईं:
नेहरू का प्रधानमंत्री बनना: शाह ने कहा कि आजादी के बाद प्रधानमंत्री चुने जाने के लिए कांग्रेस के 28 प्रदेश अध्यक्षों ने सरदार वल्लभभाई पटेल को वोट दिया था, जबकि सिर्फ दो ने जवाहरलाल नेहरू को। फिर भी, नेहरू प्रधानमंत्री बने।
इंदिरा गांधी का फैसला: दूसरी घटना इंदिरा गांधी से जुड़ी है, जब कोर्ट द्वारा उनका चुनाव रद्द किए जाने के बाद उन्होंने खुद को कानूनी सुरक्षा (Immunity) दी।
सोनिया गांधी का मुद्दा: तीसरी ‘वोट चोरी’ का मुद्दा सोनिया गांधी से जुड़ा है कि वह कथित तौर पर भारत की नागरिक बनने से पहले मतदाता सूची में कैसे शामिल हो गईं।
शाह ने विपक्ष को नसीहत दी कि हारने पर वे चुनाव आयोग (EC) पर दोष लगाने की नई परंपरा शुरू कर रहे हैं, जो देश के लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, “जब आप जीतते हैं तो EC बहुत अच्छा होता है। जब आप हारते हैं, तो EC बेकार हो जाता है।” उन्होंने कहा कि बीजेपी ने कांग्रेस से ज्यादा चुनाव हारे हैं, लेकिन हमने कभी EC पर सवाल नहीं उठाया।
घुसपैठियों पर सरकार की ‘3D’ नीति
अमित शाह चुनावी हार कारण के साथ-साथ, उन्होंने SIR का बचाव करते हुए कहा कि विपक्ष केवल अवैध घुसपैठियों को मतदाता सूची में बनाए रखने के लिए इसका विरोध कर रहा है। उन्होंने साफ किया कि सरकार की नीति है: डिटेक्ट (पहचानो), डिलीट (हटाओ) और डिपोर्ट (निर्वासित करो)। उन्होंने कहा, “घुसपैठिए तय नहीं करेंगे कि देश का मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री कौन बनेगा।”
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