

शहर से करीब 19 KM दूर चंदूजी का गढ़ा में रविवार दोपहर को केलूपॉश मकान में आग लग गई। धूं-धूं कर लगी आग की लपटें एकाएक तेज हो गई, जिसने पूरे मकान को आगोश में ले लिया। करीब दो घंटे तक उठी लपटों ने पूरे मकान को राख कर दिया। हवा के साथ आग तेज होती गई। पड़ौसियों के केलूपॉश मकानों के लिए संकट बनने लगी। इस बीच दो दमकल वाहन मौके पर पहुंचे, जिन्होंने आग पर काबू पाया। आग की सूचना के बाद मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई, जिन्होंने आग बुझाने के प्रयास किए। लेकिन, सफल नहीं हुए। मकान में रखा पूरे साल का राशन पानी और अन्य सुविधाएं आग में खत्म हो गई।
गायरी के घर पर लगी थी। इस समय अमरजी और उसकी चार बेटियां और बेटा खेतों में फसल काटने गए थे। करीब 45 बाय 25 वर्गफीट में बने हुए मकान में भीतर की ओर एक कोने में घास का ढेर था, जबकि दूसरे छोर पर रसोई है। पुलिस की प्राथमिक जांच में आग लगने का कारण शाॅर्ट सर्किट सामने आया है। वजह मकान में कई जगहों पर वायर खुले हुए थे। मकान के भीतर लगी आग भीतर ही भीतर फैल गई। बाद में जब धुंआ उठा तो लोग दौड़े। तब इसकी सूचना खेतों में काम कर रहे परिवार को मिली। यहां लोगों ने आग बुझाने के खूब प्रयास किए।
तन पर बचे हुए कपड़े ही बचे
मोटागांव थाने के ASI इंद्रवीरसिंह ने बताया कि परिजनों के तन पर पहने हुए कपड़े ही मौके पर बचे हैं। इसके अलावा सागवान की बल्लियां, पूरे साल का राशन, सोने के बिस्तर, अन्य बिजली उपकरण एवं अन्य सभी तरह के सामान आग की चपेट में आकर खत्म हो गए हैं। एक अनुमान के हिसाब से आग से करीब 10 लाख रुपए का नुकसान हुआ है
