

हिन्दू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व माना गया है। एक साल में 24 एकादशी पड़ती है और हर एकादशी का अपना विशेष महत्व होता है। एकादशी के दिन भगवान् विष्णु को समर्पित करके व्रत रखा जाता है। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी या फिर आंवला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ ही आंवले के पेड़ की भी पूजा होती है। कई स्थानों पर इसे रंगभरी एकादशी भी कहा जाता है। इस साल आमलकी एकादशी 3 मार्च 2023 को शुक्रवार के दिन पड़ रही है। इस दिन जो लोग व्रत रखते हैं उन्हें भगवान् विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि आमलकी एकादशी के दिन कुछ उपाय अपनाएं जाएं तो यह व्रत और अधिक फलदायी होते हैं। ऐसे में उन उपायों के बारे में जानना बहुत जरूरी है।
- आमलकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि उन्हें पीले रंग के फूल अर्पित किए जाएं तो वह प्रसन्न होते हैं। इस दिन भगवान विष्णु को 21 पीले रंग के फूल अर्पित करें और यदि संभव हो तो इनकी माला बनाकर विष्णु भगवान को पहनाएं।
- अगर किसी व्यक्ति को नौकरी या बिजनेस में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो आमलकी एकादशी के दिन एक लोटा जल आंवले के पेड़ में चढ़ाएं और भगवान विष्णु का ध्यान करें।
- आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ का पूजन होता है और इस दौरान आंवले के पेड़ की 7 परिक्रमा लगाते हुए 7 बार कलावा बांधना चाहिए। इससे दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है और जीवनसाथी की हर मनोकामना पूरी होती है।
- यदि आप भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो आंवला एकादशी के दिन विधि-विधान के साथ उनका पूजन करें और चंदन का तिलक जरूर लगाएं।
